PANDIT RAMPRASAD BISMIL : SARFAROSHI KI TAMANNA AB HAMARE DIL MEIN HAI !
ऐ मातृभूमि तेरी जय हो, सदा विजय हो । प्रत्येक भक्त तेरा, सुख-शांति-कान्तिमय हो ।। अज्ञान की निशा में, दुख से भरी दिशा में, संसार के हृदय में तेरी प्रभा उदय हो । तेरा प्रकोप सारे जग का महाप्रलय हो ।। तेरी प्रसन्नता ही आनन्द का विषय हो ।। वह भक्ति दे कि 'बिस्मिल' सुख में तुझे न भूले, वह शक्ति दे कि दुःख में कायर न यह हृदय हो ।। अरूजे कामयाबी पर कभी तो हिन्दुस्तां होगा । रिहा सैयाद के हाथों से अपना आशियां होगा ।। चखायेगे मजा बरबादिये गुलशन का गुलची को । बहार आयेगी उस दिन जब कि अपना बागवां होगा ।। वतन की आबरू का पास देखें कौन करता है । सुना है आज मकतल में हमारा इम्तहां होगा ।। जुदा मत हो मेरे पहलू से ऐ दर्दें वतन हरगिज । न जाने बाद मुर्दन मैं कहां.. और तू कहां होगा ।। यह आये दिन को छेड़ अच्छी नहीं ऐ खंजरे कातिल ! बता कब फैसला उनके हमारे दरमियां होगा ।। शहीदों की चिताओं पर जुड़ेगें हर बरस मेले । वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा ।। इलाही वह भी दिन होगा जब अपना राज्य देखेंगे । जब अपनी ही जमीं होगी और अपना आसमां होगा ।। Hai liye hathyaar du